शिक्षा के क्षेत्र में औपचारिक शिक्षा संस्थानों का महत्वपुर्ण एवॅँ विशेष स्थान है। अनुशासन,नियम एवम समय सदुपयोग भविष्य की नीव सुद्रीढ करते हैं,इसे दिशा देता है एक विद्यालय ।
मांनवीय सभ्यता के समरूप ही विद्यालयों का जन्म हुआ।इसलिए भारत की स्वधींनता से भी पह्ले से यह कन्या विद्यालय समाज व राष्ट्र की सेवा करता आ रहा है।
अनेक होनहार विद्यार्थी याहाँ से शिक्षा प्राप्त देश विदेश मे डाक्टर,इंजीनीयर,प्राध्यापक,अध्यापक,वकील तथा समाजसेवक के रूप उच्च पदों पर आसीन होकर इसका गौरव बनाये हुए हैं।यह विद्यालय पह्ले भोजपुर मे स्थित था ।राजस्व विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार यह विद्यालय 1935 से पह्ले का है तथा इसे LOWER MIDDLE के नाम से जाना जाता था। स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात इस विद्यालय को भोजपुर से इस स्थान पर स्थानांतरित कर दिया गया।सुंदर नगर का यह कन्या वरिष्ठ पाठ्शाला नगर परिषद के SALAH WARD के क्षेत्र मे आता है।विद्यालय भवन के साथ एक बहुत बड़ा मैदान है ,जिसे जवाहर पार्क के नाम से जाना जाता है।यह विद्यालय राष्ट्रीय उच्च मार्ग संख्या-21 के साथ है।
1959 मे इस विद्यालय को प्रदेश सरकार के द्वारा उच्च पाठ्शला का दर्जा दे दिया गया ।छात्राओं की संख्या मे प्रति वर्ष वृद्धि हो रही है।1986 मे प्रदेश सरकार के द्वारा वरिष्ठ माध्यमिक पाठ्शालाओ को प्रारम्भ किया गया।1995 मे कन्या पाठ्शाला को पदोन्नत करके इसे वरिष्ठ माध्यमिक पाठ्शाला बनाया गया।
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